Students can benefit from Sarangi Hindi Book Class 1 Solutions Chapter 2 दादा-दादी by practicing regularly and seeking help when needed.
NCERT Solutions for Class 1 Hindi Sarangi Chapter 2 दादा-दादी
झटपट कहिए :
शब्दों का खेल :
प्रश्न 1.
‘अप्पू अप्पा अप्पम’ की तरह ‘अ’ की जगह ‘म’, ‘न’, ‘द’ की ध्वनि से शब्द बनाकर सुनाइए।
उत्तर :
‘अ’ की जगह ‘म’ लगाने पर। ‘मप्पू मप्पा मप्पम’।
‘अ’ की जगह ‘न’ लगाने पर। ‘नप्पू नप्पा नप्पम’।
‘अ’ की जगह ‘द’ लगाने पर। ‘दप्पू दप्पा दप्पम’।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों को सुनकर उनमें आई ध्वनियों की संख्या बताइएदादा, दादी, नानी, नाना, मामा, मामी, दनादन, अपना, अनार, नमन।
उत्तर :
दादा, दादी, नाना, नानी, मामा और मामी शब्दों में दो-दो ध्वनि हैं। अपना, अनार तथा नमन में तीन-तीन ध्वनि हैं। दनादन शब्द में चार ध्वनि हैं।
प्रश्न 3.
बोल मेरी मछली, कितना पानी?
पाठ्यपुस्तक में दिए चित्र को देखकर मछलियों की संख्या बताइए-
उत्तर :
चित्र में चार मछलियाँ हैं।
आओ सुनें! :
प्रश्न 1.
अपना अनार
इन शब्दों में पहली ध्वनि कौन-सी है?
उत्तर :
इन शब्दों में पहली ध्वनि ‘अ’ है।
प्रश्न 2.
जिन शब्दों की पहली ध्वनि ‘अ’ है, उनके आगे सही (✓) का चिह्न लगाइएउत्तर-
उत्तर :
खोजें-जानें :
‘दादा-दादी’ और ‘नाना-नानी’ कविताओं को अपने परिवार के किसी सदस्य को सुनाएँ। उनसे ‘परिवार’ और ‘घर’ से जुड़ी कोई कविता या कहानी पूछें और सुनाने के लिए कहें।
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।
Sarangi Class 1 Hindi Chapter 2 दादा-दादी Summary
Sarangi Hindi Book Class 1 Chapter 2 दादा-दादी कविता का सार
दादा-दादी कविता में बच्चे बताना चाहते हैं कि एक हमारे दादा जी हैं और एक दादी हैं। दोनों ही खादी के भूरे कपड़े पहनते हैं। दादी गाना गाने की शोकिन हैं और दादा जी उनका गाना सुनकर हँसते हैं। कभी-कभी दादी जी भी कुछ गा लेते हैं।
Sarangi Hindi Book Class 1 Chapter 2 दादा-दादी काव्यांश की व्याख्या
1. एक हमारे दादाजी हैं,
एक हमारी दादी।
दोनों ही पहना करते हैं,
बिल्कुल भूरी खादी।
दादी गाना गाया करतीं,
दादाजी मुस्काते।
कभी-कभी दादाजी भी
कोई गाना गाते।
शब्दार्थ :
- दादाजी- पिताजी के पिताजी।
- दादीजी- पिताजी की माँ।
- खादी- हाथ से बुना हुआ कपड़ा।
व्याख्या- इस कविता में कवि एक परिवार के बारे में बच्चों के माध्यम सें बताना चाहता है कि इस परिवार में एक बच्चों के दादाजी हैं और दूसरी उनकी दादीजी हैं। दोनों ही हाथ से बुने हुए भूरी खादी के कपड़े पहनते हैं। दादीजी अक्सर गाना गाया करती हैं और दादीजी उनका गाना सुनकर मुस्कराते हैं। कभी-कभी दादाजी भी गाना गाते हैं।